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खेल में बढ़ता भ्रष्टाचार: जब योग्यता नहीं, पैसा तय करता है अंतरराष्ट्रीय चयन

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खेल में बढ़ता भ्रष्टाचार: जब योग्यता नहीं, पैसा तय करता है अंतरराष्ट्रीय चयन खेलों को हमेशा मेहनत, अनुशासन और प्रतिभा का क्षेत्र माना गया है, लेकिन हाल के वर्षों में कई खेल संगठनों और फेडरेशन में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ चुका है कि असली खिलाड़ियों के लिए रास्ते बंद होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयन का सपना देखने वाले कई होनहार खिलाड़ी आज ठगे जा रहे हैं, क्योंकि कुछ संगठनों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है। कैसे होता है सिलेक्शन में फर्जीवाड़ा? मार्शल आर्ट्स, बॉक्सिंग, कुश्ती और कई अन्य खेलों में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भाग लेने के लिए चयन प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया ट्रायल, कोच की सिफारिश और पिछले रिकॉर्ड के आधार पर होनी चाहिए, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। आजकल, कई फेडरेशन और निजी संगठन बिना किसी योग्यता के, सिर्फ पैसों के आधार पर खिलाड़ियों का चयन कर रहे हैं। शर्त बस इतनी है कि जेब में ₹2 लाख या उससे अधिक की रकम होनी चाहिए। इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण असली टैलेंट को दरकिनार कर दिया जाता है और ऐसे खिलाड़ी चुने जाते हैं, जिनका खेल से कोई वास्ता नहीं होता। कौन है...

ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों ने पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों से धन की मांग की थी

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हाल ही में उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के ताइक्वांडो प्रतियोगिता में एक गंभीर घोटाला सामने आया है। आरोप है कि ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया के कुछ अधिकारियों ने पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों से धन की मांग की थी। स्वर्ण पदक के लिए 3 लाख रुपये, रजत पदक के लिए 2 लाख रुपये, और कांस्य पदक के लिए 1 लाख रुपये की मांग की गई थी।  इस मामले के उजागर होने के बाद, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (GTCC) ने ताइक्वांडो प्रतियोगिता के निदेशक टी. प्रवीण कुमार को उनके पद से हटा दिया है और उनकी जगह एस. दिनेश कुमार को नया निदेशक नियुक्त किया है।  IOA की अध्यक्ष पी.टी. उषा ने इस घटना पर गहरी निराशा व्यक्त की है और इसे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की भावना के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि IOA सभी एथलीटों के साथ निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार की हेरफेर या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा।  इस घटना ने राष्ट्रीय खेलों की निष्पक्षता और अखंडता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, और खेल समुदाय में व्यापक आक्रोश उत्पन्न किया है।