खेल में बढ़ता भ्रष्टाचार: जब योग्यता नहीं, पैसा तय करता है अंतरराष्ट्रीय चयन
खेल में बढ़ता भ्रष्टाचार: जब योग्यता नहीं, पैसा तय करता है अंतरराष्ट्रीय चयन खेलों को हमेशा मेहनत, अनुशासन और प्रतिभा का क्षेत्र माना गया है, लेकिन हाल के वर्षों में कई खेल संगठनों और फेडरेशन में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ चुका है कि असली खिलाड़ियों के लिए रास्ते बंद होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयन का सपना देखने वाले कई होनहार खिलाड़ी आज ठगे जा रहे हैं, क्योंकि कुछ संगठनों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है। कैसे होता है सिलेक्शन में फर्जीवाड़ा? मार्शल आर्ट्स, बॉक्सिंग, कुश्ती और कई अन्य खेलों में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भाग लेने के लिए चयन प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया ट्रायल, कोच की सिफारिश और पिछले रिकॉर्ड के आधार पर होनी चाहिए, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। आजकल, कई फेडरेशन और निजी संगठन बिना किसी योग्यता के, सिर्फ पैसों के आधार पर खिलाड़ियों का चयन कर रहे हैं। शर्त बस इतनी है कि जेब में ₹2 लाख या उससे अधिक की रकम होनी चाहिए। इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण असली टैलेंट को दरकिनार कर दिया जाता है और ऐसे खिलाड़ी चुने जाते हैं, जिनका खेल से कोई वास्ता नहीं होता। कौन है...