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मनोरंजन के नाम पर माता-पिता का अपमान: कहां जा रहा हमारा समाज?

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   मनोरंजन के नाम पर माता-पिता का अपमान: कहां जा रहा हमारा समाज? मनोरंजन और हास्य समाज में सकारात्मकता लाने के लिए होते हैं, लेकिन जब यह मर्यादा की सीमाएं लांघने लगे, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। हाल ही में एक टीवी शो में माता-पिता के प्रति घिनौने शब्दों का इस्तेमाल किया गया, जिसने न केवल संस्कारों का अपमान किया बल्कि लाखों दर्शकों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई। क्या यह सही है? हमारे भारतीय समाज में माता-पिता को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है। वे न केवल हमारे जीवन के आधार होते हैं, बल्कि हमारे चरित्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में, सार्वजनिक मंच पर उनका अपमान किया जाना न केवल अनुचित है बल्कि नैतिक रूप से भी गलत है। मनोरंजन बनाम मर्यादा आजकल कई टीवी शो टीआरपी के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। वे हास्य और व्यंग्य के नाम पर व्यक्तिगत और सामाजिक मूल्यों का मज़ाक उड़ाने में भी हिचकिचाते नहीं हैं। अभद्र भाषा और अमर्यादित संवादों को सिर्फ एक "जोक" कहकर टाल देना, समाज में नकारात्मकता फैलाने का ही एक तरीका बन गया है। दर्शकों की भूमिका हमारे पास सबसे बड़ी ताक...

खेल में बढ़ता भ्रष्टाचार: जब योग्यता नहीं, पैसा तय करता है अंतरराष्ट्रीय चयन

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खेल में बढ़ता भ्रष्टाचार: जब योग्यता नहीं, पैसा तय करता है अंतरराष्ट्रीय चयन खेलों को हमेशा मेहनत, अनुशासन और प्रतिभा का क्षेत्र माना गया है, लेकिन हाल के वर्षों में कई खेल संगठनों और फेडरेशन में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ चुका है कि असली खिलाड़ियों के लिए रास्ते बंद होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयन का सपना देखने वाले कई होनहार खिलाड़ी आज ठगे जा रहे हैं, क्योंकि कुछ संगठनों ने इसे कमाई का जरिया बना लिया है। कैसे होता है सिलेक्शन में फर्जीवाड़ा? मार्शल आर्ट्स, बॉक्सिंग, कुश्ती और कई अन्य खेलों में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में भाग लेने के लिए चयन प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया ट्रायल, कोच की सिफारिश और पिछले रिकॉर्ड के आधार पर होनी चाहिए, लेकिन वास्तविकता इससे कोसों दूर है। आजकल, कई फेडरेशन और निजी संगठन बिना किसी योग्यता के, सिर्फ पैसों के आधार पर खिलाड़ियों का चयन कर रहे हैं। शर्त बस इतनी है कि जेब में ₹2 लाख या उससे अधिक की रकम होनी चाहिए। इस तरह के भ्रष्टाचार के कारण असली टैलेंट को दरकिनार कर दिया जाता है और ऐसे खिलाड़ी चुने जाते हैं, जिनका खेल से कोई वास्ता नहीं होता। कौन है...