गली-गली घूमते विश्वविजेता जब खेल सर्टिफिकेट से चलता है”

🥋🎭 गली-गली घूमते “चैंपियन” और खेल का शव!



"<h2>तथाकथित विश्वविजेता: मार्शल आर्ट में दिखावे का खेल और समाज की चुप्पी</h2>

<p><em>🥋 गली-गली 'विश्वविजेता' घूम रहे हैं – लेकिन जीत कहां है?</em></p>

<p>आजकल हर मोहल्ले में कुछ ऐसे "मार्शल आर्ट विश्व चैंपियन" मिल जाते हैं, जिनके गले में 4 मेडल, हाथ में 5 सर्टिफिकेट और कैमरे में विधायक जी के साथ फोटो होती है।</p>

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<h3>🥇 दिखावे का दौर: सर्टिफिकेट से 'सम्मान' की भूख</h3>
<p>ये तथाकथित चैंपियन हर हफ्ते एक नई प्रतियोगिता में भाग लेते हैं — जिनमें से आधी बिना किसी मान्यता के होती हैं। फिर वो नेता जी के पास जाकर फोटो खिंचवाते हैं, और फेसबुक पर पोस्ट डालते हैं:</p>
<blockquote>"विश्व विजेता बनने पर विधायक महोदय से आशीर्वाद प्राप्त हुआ 🙏"</blockquote>

<h3>🤔 असली सवाल: क्या यह खेल को शर्मसार नहीं कर रहा?</h3>
<p>मार्शल आर्ट अनुशासन, विनम्रता और तप का प्रतीक है। लेकिन आजकल यह दिखावे, पोस्टर और झूठी पहचान का बाजार बन गया है।</p>

<h3>📢 समाज की चुप्पी और असली कोच की अनदेखी</h3>
<ul>
  <li>असली प्रशिक्षक जो बच्चों को आत्मरक्षा सिखा रहे हैं, वे आज भी मान्यता के लिए भटकते हैं।</li>
  <li>वहीं कुछ तथाकथित संस्थाएं ₹500 में "ब्लैक बेल्ट" बांट रही हैं।</li>
</ul>

<h3>🎯 समाधान क्या है?</h3>
<ol>
  <li>सरकारी मान्यता प्राप्त संस्थाओं को प्राथमिकता दी जाए।</li>
  <li>फर्जी आयोजकों की सूची बनाई जाए।</li>
  <li>स्कूल और कॉलेजों को प्रमाणित कोच के ज़रिए ट्रेनिंग देनी चाहिए।</li>
</ol>

<h3>🗣️ आपकी राय क्या है?</h3>
<p>क्या आप भी ऐसे चैंपियनों से मिले हैं?<br/>कमेंट में बताएं — और इस पोस्ट को शेयर करें ताकि सच्चाई सामने आ सके।</p>

<p><strong>#मार्शलआर्ट #झूठीप्रतियोगिता #ब्लैकबेल्टबाजार #खेल_की_सच्चाई #truechampion</strong></p>

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