खेल भावना और प्रतिभा का संगम : चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025
खेल भावना और प्रतिभा का संगम : चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025
चेन्नई
खेल केवल पदक जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और आत्मविकास का रास्ता है। इसका सजीव उदाहरण चेन्नई में चल रही चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025 में देखने को मिल रहा है। पाँच दिवसीय इस आयोजन ने न केवल बच्चों और किशोर खिलाड़ियों की ऊर्जा को सामने रखा, बल्कि यह भी साबित किया कि आने वाली पीढ़ी भारतीय मार्शल आर्ट्स और किक बॉक्सिंग को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।
मुकाबलों की रौनक और खिलाड़ियों का जज्बा
दूसरे दिन जब इंडोर स्टेडियम का माहौल खेलभावना से गूंज रहा था, तब 550 से अधिक मुकाबलों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। हर बाउट में खिलाड़ियों ने दमदार तकनीक, फुर्ती और धैर्य का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने साबित किया कि भारतीय खेल प्रतिभा किसी से कम नहीं है। छोटे-छोटे आयु वर्ग के खिलाड़ी भी जिस आत्मविश्वास और निडरता से रिंग में उतरे, वह भारतीय खेल संस्कृति की मजबूती को दिखाता है।
अब तक 900 मुकाबले सम्पन्न हो चुके हैं और लगभग 50 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी इस प्रतियोगिता का हिस्सा बन रहे हैं। इस कारण भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुभव का सीधा लाभ मिल रहा है।
निर्णायक मंडल और आयोजन की सटीकता
80 निर्णायकों की टीम पूरे आयोजन को निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से संचालित कर रही है। मैच का हर फैसला खिलाड़ियों और दर्शकों में खेल के प्रति विश्वास पैदा कर रहा है।
संतोष अग्रवाल जी का दृष्टिकोण
इस चैंपियनशिप में सबसे प्रेरणादायक पहलू रहा वाको इंडिया के अध्यक्ष एवं वाको टेक्निकल कमेटी के सदस्य श्री संतोष कुमार अग्रवाल जी का दृष्टिकोण। वे मानते हैं कि यह आयोजन केवल पदक या चयन की प्रक्रिया नहीं है, बल्कि भारतीय युवाओं को अनुशासन और खेल संस्कृति से जोड़ने का अवसर है।
उनके अनुसार, “आखिरी दिन होने वाले 28 टीम इवेंट्स सबसे रोमांचक होंगे। इन्हीं मुकाबलों के आधार पर खिलाड़ियों का चयन एशियन किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप के लिए किया जाएगा। यह भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकने का सुनहरा मौका देगा।”
श्री अग्रवाल जी ने न केवल खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया, बल्कि तमिलनाडु अमेच्योर किक बॉक्सिंग एसोसिएशन के वॉलिंटियर्स को भी उनकी मेहनत और सेवा के लिए सम्मानित किया। उनका मानना है कि खिलाड़ी, निर्णायक और वॉलिंटियर्स – तीनों मिलकर ही खेल की असली आत्मा को जीवंत बनाते हैं।
खेल का भविष्य और नई दिशा
यह प्रतियोगिता केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि भारत में किक बॉक्सिंग के बढ़ते भविष्य का संकेत है। जब बच्चे और कैडेट स्तर के खिलाड़ी इतने बड़े आत्मविश्वास और तकनीकी कौशल के साथ सामने आ रहे हैं, तो आने वाले वर्षों में भारत निश्चित ही एशियाई और विश्व स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाएगा।
चेन्नई की इस चैंपियनशिप ने दिखा दिया है कि भारत के युवा खिलाड़ी खेल को केवल जीत-हार की दृष्टि से नहीं, बल्कि आत्मविकास और अनुशासन के मार्ग के रूप में देख रहे हैं। और इसमें श्री संतोष अग्रवाल जैसे मार्गदर्शक व्यक्तित्व की प्रेरणा उन्हें और आगे बढ़ने की ताकत दे रही है।
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