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नन्ही उस्ताद: 6 साल की बच्ची, ने दिखाया गजब का स्टंट और बैकफ्लिप कौशल!"

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  नन्ही उस्ताद: 6 साल की बच्ची ने दिखाया गजब का स्टंट और बैकफ्लिप कौशल!" मार्शल आर्ट्स और जिम्नास्टिक्स में जहां बड़े-बड़े खिलाड़ी सालों की मेहनत के बाद परफेक्शन हासिल करते हैं, वहीं एक छोटी-सी बच्ची ने अपने शानदार स्टंट और बैकफ्लिप से सबको चौंका दिया है। महज 6-7 साल की उम्र में इतनी लचीलापन (Flexibility), ताकत और संतुलन (Balance) देखना किसी को भी प्रेरित कर सकता है। अद्भुत प्रदर्शन इस वीडियो में बच्ची न केवल बैकफ्लिप कर रही है बल्कि अपनी स्किल्स से यह साबित कर रही है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। इतनी कम उम्र में इस तरह का आत्मविश्वास और ट्रेनिंग असाधारण है। यह वीडियो यकीनन उन माता-पिता के लिए प्रेरणा बन सकता है जो अपने बच्चों को फिटनेस और खेलों में आगे बढ़ाना चाहते हैं। बच्चों के लिए मार्शल आर्ट्स के फायदे 1. शारीरिक फिटनेस – मार्शल आर्ट्स और जिम्नास्टिक्स से बच्चों का शरीर लचीला और मजबूत बनता है। 2. आत्मरक्षा कौशल – आज के समय में सेल्फ डिफेंस की स्किल्स जरूरी हैं, खासकर लड़कियों के लिए। 3. मानसिक मजबूती – अनुशासन और आत्म-नियंत्रण बच्चों के मानसिक विकास में मदद करता है। 4. आत्मविश...

चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत की पाकिस्तान पर शानदार जीत - कोहली का शतकीय धमाल

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  चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत की पाकिस्तान पर शानदार जीत - कोहली का शतकीय धमाल 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 23 फरवरी 2025 का दिन भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक सुनहरा दिन बन गया, जब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में 6 विकेट से करारी शिकस्त दी। यह मुकाबला न सिर्फ एक मैच था, बल्कि दो देशों के बीच क्रिकेट के मैदान पर होने वाली उस जंग का प्रतीक था, जिसे हर कोई देखने के लिए बेताब रहता है। इस जीत के साथ भारत ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली, और फैंस का जोश सातवें आसमान पर पहुंच गया। मैच का रोमांचक लेखा-जोखा पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और 49.4 ओवर में 241 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। उनकी पारी में सलमान और खुशदिल ने कुछ देर तक संघर्ष किया, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें ज्यादा मौका नहीं दिया। कुलदीप यादव ने 3 विकेट चटकाए, जबकि हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा ने भी अपनी फिरकी और तेज गेंदों से पाकिस्तानी बल्लेबाजों को परेशान किया। जवाब में भारत की शुरुआत रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने शानदार अंदाज...

भारतीय टीम का चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार आगाज

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  भारतीय टीम का चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार आगाज: गिल और शमी ने बांग्लादेश को दी मात चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बेहद शानदार रहा। 20 फरवरी 2025 को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 6 विकेट से हराकर अपने अभियान की शुरुआत जीत के साथ की। शुभमन गिल की नाबाद शतकीय पारी और मोहम्मद शमी की शानदार पांच विकेट की उपलब्धि ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई। आठ साल बाद लौटे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत ने पहले ही मैच से अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर दी। बांग्लादेश की पारी: शमी का कहर और हridoy की साहसिक लड़ाई मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की शुरुआत बेहद खराब रही। मोहम्मद शमी ने पहले ही ओवर में सौम्या सरकार (0) को आउट कर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। इसके बाद हर्षित राणा ने कप्तान नजमुल हुसैन शांतो (0) को पवेलियन भेजा, और फिर अक्षर पटेल ने लगातार गेंदों पर तंजिद हसन (8) और मुशफिकुर रहीम (0) को आउट कर बांग्लादेश को 35/5 के स्कोर पर ला दिया। अक्षर हैट्रिक से चूक गए जब रोहित शर्मा ने जाकर अ...

राजस्थान बजट 2025: खेलों की अनदेखी से कैसे आएंगे चैम्पियन?

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  राजस्थान बजट 2025: खेलों की अनदेखी से कैसे आएंगे चैम्पियन? 💔💔 राजस्थान सरकार ने 19 फरवरी 2025 को अपना बहुप्रतीक्षित बजट पेश किया, जिसमें शिक्षा, रोजगार और बुनियादी ढांचे पर जोर दिया गया। लेकिन जब बात खेलों की आई, तो सरकार ने खिलाड़ियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए किसी ठोस योजना की घोषणा नहीं की गई, जिससे हजारों युवा एथलीट और कोच हताश महसूस कर रहे हैं। सवाल यह है कि जब सरकार खुद खेलों को गंभीरता से नहीं ले रही, तो हम ओलंपिक या राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी कैसे तैयार करेंगे? क्या सिर्फ क्रिकेट ही खेल है? सरकार का ध्यान अक्सर सिर्फ क्रिकेट पर केंद्रित रहता है। चाहे वह स्टेडियम निर्माण हो या बड़ी प्रतियोगिताओं की मेजबानी, क्रिकेट के लिए हमेशा बजट मिलता है, लेकिन बाकी खेल उपेक्षित रह जाते हैं। राजस्थान में हॉकी, कुश्ती, बॉक्सिंग, मार्शल आर्ट्स, एथलेटिक्स और फुटबॉल जैसे खेलों के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। खिलाड़ियों की क्या है मांग? राज्य के युवा एथलीटों ने उम्मीद जताई थी कि इस बजट में निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा: 1. बेहतर इंफ्रा...

"कुंभ मेले में आस्था की यात्रा और पानी की प्यास: सेवा और समर्पण का संगम"

सबसे ज्यादा जरूरत इसी की थी.... अडानी हों या अंबानी.. सभी भंडारा चलाने वालों को ध्यान देना चाहिए कि पीने के लिए पानी बहुत आवश्यक है भीड़ में फंसे हुए लोगों के लिए....उन लोगों के लिए जिनको 8-10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है,, रास्ते में उन्हें प्यास बहुत लगती है परंतु काफी समय तक शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं हो पता है यै कोई नहीं दिखा रहा है क्यो सफेद या लाल टोपी नही है इसलिए  कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की आस्था और पानी की जरूरत प्रस्तावना भारत में कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, जहाँ लाखों श्रद्धालु संगम पर पुण्य की डुबकी लगाने के लिए उमड़ते हैं। लेकिन इस आस्था और तपस्या के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती होती है— बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता। खासकर, जब श्रद्धालु 15-20 किलोमीटर पैदल यात्रा कर संगम तक पहुंचते हैं, तो सबसे अधिक आवश्यकता पीने के पानी की होती है। भक्ति और कठिनाइयाँ साथ-साथ कुंभ मेले में श्रद्धालु बड़े उत्साह और श्रद्धा से शामिल होते हैं। दूर-दूर से आए लोग जब संगम की ओर बढ़ते हैं, तो उनकी यात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि धैर्य और सहनशक्ति की प...

"विरासत बनाम विकास: क्या भारत की सांस्कृतिक जागरूकता नई दिशा में जा रही है?"

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inspireindia  #विरासत_की_पुनर्स्थापना_का_दौर.. सच को समझने का यही समय है, सही समय है... कुछ देशवासियों को इस बात से चिढ़ है कि  देश का माहौल इतना धार्मिक क्यूँ होता जा रहा है ?  शिकायत यह है कि यह सब  पिछले कुछ वर्षों में कैसे हो गया ?  उन्हें यह भी लगता है कि उन्होंने तो दशकों तक ऐसा नहीं होने दिया, भले ही इसके लिए 1953 में संविधान की मूल प्रति में धर्म निरपेक्ष राष्ट्र शब्द जोड़ना पड़े ।  उन्हें लगता है कि हमने तो हिन्दू और हिन्दुत्व का फातेहा पढ़ने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी । यह कौन आया कि हमने जो जो छद्मवाद के पर्वत तले छिपाया, वह हिन्दुत्व के महासागर का रूप लेकर उमड़ आया ? न केवल उमड़ा अपितु उस छद्मवादिता की कब्र भी पूरी तरह खोद डाली । भारत का विकास आज बड़ी तेजी से  अनेक क्षेत्रों में तेजगति से हो रहा है ।  गौर से देखिए 78 साल की आजादी देश की "विरासत" को भी पहली बार देश के "विकास" के साथ जोड़ा गया है । यानि पिछले एक दशक से कोरे विकास का थोथा नारा नहीं दिया गया । विरासत और विकास को एक साथ आगे बढ़ाया गया। विरासत को जागृत करने का परिणाम...

"रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट की फटकार: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या अश्लीलता की हद?"

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  रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट की फटकार: जानिए पूरा मामला प्रसिद्ध यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया हाल ही में अपने शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' में की गई विवादास्पद टिप्पणियों के कारण सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के केंद्र में आ गए हैं। यह मामला तब उभर कर आया जब उनकी कुछ अश्लील और आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण मुंबई, गुवाहाटी और जयपुर में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इस पूरे घटनाक्रम ने सोशल मीडिया और कानूनी हलकों में हलचल मचा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान रणवीर इलाहाबादिया को सख्त लहजे में फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि उनकी भाषा 'विकृत मानसिकता' को दर्शाती है और उनके शब्द माता-पिता, बहनों और बेटियों को शर्मिंदा कर सकते हैं। अदालत ने इलाहाबादिया को यह भी याद दिलाया कि डिजिटल माध्यमों का उपयोग सकारात्मक संदेश फैलाने के लिए किया जाना चाहिए, न कि अश्लीलता और फूहड़ता को बढ़ावा देने के लिए। गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दर्ज एफआईआर के आधार पर उन...

एक ऐसा नाम जिसने भारत की सुरक्षा के इतिहास को नया मोड़ दिया। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने दुश्मन को उनकी ही जमीन पर हराया। हम बात कर रहे हैं भारत के 'सुपरस्पाई' और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजित कुमार डोवाल की। उनकी जिंदगी साहस, दृढ़ संकल्प, और देशभक्ति की कहानी है।

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  एक ऐसा नाम जिसने भारत की सुरक्षा के इतिहास को नया मोड़ दिया। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने दुश्मन को उनकी ही जमीन पर हराया। हम बात कर रहे हैं भारत के 'सुपरस्पाई' और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अजित कुमार डोवाल की। उनकी जिंदगी साहस, दृढ़ संकल्प, और देशभक्ति की कहानी है। आइए जानते हैं उनके जीवन के हर पहलू को विस्तार से।" " 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के घीड़ी गांव में अजित कुमार डोवाल का जन्म हुआ। उनके पिता एक भारतीय सेना अधिकारी थे। परिवार में देशभक्ति और अनुशासन का माहौल था। यही कारण था कि अजित बचपन से ही देश के प्रति समर्पण की भावना से प्रेरित थे।" "उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के अजमेर मिलिट्री स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इस दौरान उनके नेतृत्व और रणनीतिक कौशल के बीज पनपने लगे थे।" "1968 में अजित डोवाल ने केरल कैडर से भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में प्रवेश किया। उनके अद्वितीय साहस और तेज-तर्रार निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें अपने बै...

डॉ. कुमार विश्वास: हिंदी काव्य मंच का चमकता सितारा

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  डॉ. कुमार विश्वास: हिंदी काव्य मंच का चमकता सितारा हिंदी काव्य मंच पर जब भी ओजपूर्ण और रोमांटिक कविताओं की बात होती है, तो एक नाम सबसे पहले दिमाग में आता है—डॉ. कुमार विश्वास। वे न केवल एक बेहतरीन कवि हैं, बल्कि एक प्रभावशाली वक्ता, लेखक और सामाजिक विचारक भी हैं। उनकी कविताएँ प्रेम, राष्ट्रभक्ति और समाज के विभिन्न पहलुओं को बड़े ही खूबसूरत अंदाज में प्रस्तुत करती हैं। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा डॉ. कुमार विश्वास का जन्म 10 फरवरी 1970 को उत्तर प्रदेश के पिलखुआ (हापुड़) में हुआ। उनका असली नाम विश्वास कुमार शर्मा है, लेकिन साहित्यिक दुनिया में वे "कुमार विश्वास" के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके पिता एक शिक्षक थे, जिससे शिक्षा और साहित्य के प्रति उनका झुकाव स्वाभाविक था। उन्होंने हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर और फिर "कौरवी लोकगीतों में लोकचेतना" विषय पर पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। कवि के रूप में पहचान कुमार विश्वास ने अपनी काव्य यात्रा कॉलेज के दिनों से शुरू की थी। धीरे-धीरे वे हिंदी कविता मंच के सबसे लोकप्रिय कवियों में से एक बन गए। उनकी रचनाओं में प्रेम, दर्द, समाज और द...