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खेल भावना और प्रतिभा का संगम : चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025

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खेल भावना और प्रतिभा का संगम : चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025 चेन्नई खेल केवल पदक जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और आत्मविकास का रास्ता है। इसका सजीव उदाहरण चेन्नई में चल रही चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025 में देखने को मिल रहा है। पाँच दिवसीय इस आयोजन ने न केवल बच्चों और किशोर खिलाड़ियों की ऊर्जा को सामने रखा, बल्कि यह भी साबित किया कि आने वाली पीढ़ी भारतीय मार्शल आर्ट्स और किक बॉक्सिंग को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। मुकाबलों की रौनक और खिलाड़ियों का जज्बा दूसरे दिन जब इंडोर स्टेडियम का माहौल खेलभावना से गूंज रहा था, तब 550 से अधिक मुकाबलों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। हर बाउट में खिलाड़ियों ने दमदार तकनीक, फुर्ती और धैर्य का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने साबित किया कि भारतीय खेल प्रतिभा किसी से कम नहीं है। छोटे-छोटे आयु वर्ग के खिलाड़ी भी जिस आत्मविश्वास और निडरता से रिंग में उतरे, वह भारतीय खेल संस्कृति की मजबूती को दिखाता है। अब तक 900 मुकाबले सम्पन्न हो चुके हैं और लगभग 50 अंतरराष्ट्र...

"मदन प्रजापत प्रकरण: लोकतंत्र के स्तंभ को ठेस या सत्ता का अहंकार

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जनप्रतिनिधि के अपमान पर चुप क्यों है प्रशासन? 📍 स्थान: राजस्थान – बालोतरा 🗓️ तिथि: 21/07/2025 --- लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को बुलंद करने वाले जनप्रतिनिधियों का सम्मान सर्वोपरि होता है। लेकिन हाल ही में राजस्थान के बालोतरा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री मदन प्रजापत के साथ जो घटनाक्रम हुआ, वह लोकतंत्र की मर्यादा और सरकारी तंत्र की भूमिका दोनों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। सूत्रों के अनुसार, एक सरकारी कर्मचारी द्वारा श्री मदन प्रजापत जी के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। यह न केवल अमर्यादित और अपमानजनक है, बल्कि यह सरकारी प्रशासन में व्याप्त राजनीतिक पक्षपात और अहंकार की झलक भी देता है। --- 🔍 इस मुद्दे पर उठते हैं कई सवाल: क्या एक सरकारी कर्मचारी को यह अधिकार है कि वह एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि से इस तरह से बात करे? क्या यह लोकतंत्र की आत्मा के साथ खिलवाड़ नहीं है? क्या वर्तमान सरकार ऐसे अधिकारियों को शह दे रही है जो जनप्रतिनिधियों का अपमान कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं? --- ⚖️ लोकतंत्र का स्तंभ – जनप्रतिनिधि जनता अपने अधिकारों और समस्याओं को लेकर जनप्र...

रायपुर में गुंजन सोढा का जलवा: राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा

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 स्थान: रायपुर, छत्तीसगढ़  तिथि: 20 जुलाई 2025 भीनमाल / जालौर गुंजन सोढा ने राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर राजस्थान का नाम रोशन किया रायपुर (छत्तीसगढ़) में 16 से 20 जुलाई 2025 तक आयोजित राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में राजस्थान की प्रतिभाशाली खिलाड़ी गुंजन सोढा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर राज्य और क्षेत्र का नाम गौरवान्वित किया। प्रतियोगिता का आयोजन WAKO India Kickboxing Federation द्वारा किया गया, जिसमें देशभर से सैकड़ों खिलाड़ियों ने भाग लिया। गुंजन सोढा ने किक लाइट कैटेगरी (आयु वर्ग 21 से 40 वर्ष) में हिस्सा लिया और दमदार मुकाबलों के बाद सेमीफाइनल तक पहुँचकर पदक अपने नाम किया। गुंजन के प्रदर्शन में उनकी मेहनत, लगन और जुझारूपन साफ दिखाई दिया। इस सफलता के पीछे राजस्थान टीम के कोच श्री पुष्पेंद्र गुर्जर का भी अहम मार्गदर्शन रहा, जिनके नेतृत्व में राजस्थान की टीम ने प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई। इस उपलब्धि पर गुंजन के परिवार, प्रशिक्षकों और खेल प्रेमियों ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह सफल...

तलवे चाटना: एक अद्भुत कला या खेल व्यवस्था पर कलंक

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"तलवे चाटना: एक अद्भुत कला या खेल व्यवस्था पर कलंक?" ✍️ लेखक अज्ञात भारत में खेलों की दुनिया दिन-ब-दिन आगे बढ़ रही है। एथलीट्स अंतरराष्ट्रीय पदक ला रहे हैं, देश का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन इसके पीछे एक ऐसा काला सच छिपा है, जिस पर आज भी चर्चा करना एक ‘जोखिम’ जैसा लगता है। हम बात कर रहे हैं – ‘तलवे चाटने’ की संस्कृति की, जिसे आप चाहें तो "Yes Man स्पोर्ट्स स्किल" कह सकते हैं। --- 🎭 तलवे चाटना: एक कला, एक रणनीति, एक अनकहा सत्य यह कहना गलत नहीं होगा कि आजकल कई जगहों पर खेल कौशल से ज़्यादा संबंध कौशल मायने रखने लगा है। मैदान में कड़ी मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को किनारे किया जाता है। जबकि 'सर, नमस्ते' और 'सब बढ़िया है सर' कहने वाले चेहरों को मंच, मीडिया और मैडल मिल जाते हैं। एक नया वर्ग बन गया है, जो खेल का अभ्यास नहीं करता, बल्कि "संबंधों की गर्मी" से पसीना बहाता है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे ‘तलवे चाटना’ एक अनौपचारिक खेल इवेंट है—जिसका अभी तक बस मंत्रालय की सूची में नाम नहीं जुड़ा। --- 📉 खिलाड़ियों की असली चुनौती: विरोध नही...

पुष्पेंद्र गुर्जर: राजस्थान में किक बॉक्सिंग आंदोलन के अग्रदूत

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पुष्पेंद्र गुर्जर: राजस्थान किक-बॉक्सिंग के प्रेरणादायक अगुवा परिचय राजस्थान में किक-बॉक्सिंग के संगठित और सशक्त विकास में अग्रणी भूमिका निभाने वालों में श्री पुष्पेंद्र गुर्जर का नाम अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। वे राजस्थान किक-बॉक्सिंग संघ के महासचिव और WAKO India Kickboxing Federation के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हैं। एक समर्पित खिलाड़ी, प्रशिक्षक और तकनीकी अधिकारी के रूप में उन्होंने इस खेल को जमीनी स्तर से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। 🏅 खिलाड़ी से तकनीकी प्रतिनिधि तक की यात्रा भरतपुर जिले के बयाना (भीमनगर) निवासी पुष्पेंद्र गुर्जर ने किक-बॉक्सिंग में अपने करियर की शुरुआत एक कुशल खिलाड़ी के रूप में की। 2015 में आयोजित एशियन किक-बॉक्सिंग चैंपियनशिप (एशिया स्तरीय प्रतियोगिता) में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए गौरव बढ़ाया। 2022 में वे एक बार फिर एशियन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए। 🛡️ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी प्रतिनिधित्व श्री पुष्पेंद्र गुर्जर को WAKO (World Association of Kickboxing Organ...

गली-गली घूमते विश्वविजेता जब खेल सर्टिफिकेट से चलता है”

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🥋🎭 गली-गली घूमते “चैंपियन” और खेल का शव! For more YouTube "<h2>तथाकथित विश्वविजेता: मार्शल आर्ट में दिखावे का खेल और समाज की चुप्पी</h2> <p><em>🥋 गली-गली 'विश्वविजेता' घूम रहे हैं – लेकिन जीत कहां है?</em></p> <p>आजकल हर मोहल्ले में कुछ ऐसे "मार्शल आर्ट विश्व चैंपियन" मिल जाते हैं, जिनके गले में 4 मेडल, हाथ में 5 सर्टिफिकेट और कैमरे में विधायक जी के साथ फोटो होती है।</p> <hr/> <h3>🥇 दिखावे का दौर: सर्टिफिकेट से 'सम्मान' की भूख</h3> <p>ये तथाकथित चैंपियन हर हफ्ते एक नई प्रतियोगिता में भाग लेते हैं — जिनमें से आधी बिना किसी मान्यता के होती हैं। फिर वो नेता जी के पास जाकर फोटो खिंचवाते हैं, और फेसबुक पर पोस्ट डालते हैं:</p> <blockquote>"विश्व विजेता बनने पर विधायक महोदय से आशीर्वाद प्राप्त हुआ 🙏"</blockquote> <h3>🤔 असली सवाल: क्या यह खेल को शर्मसार नहीं कर रहा?</h3> <p>मार्शल आर्ट अनुशासन, विनम्रता और तप का प्रतीक है। लेकिन ...

गुंजन सोढा का राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता हेतु चयन

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गुंजन सोढा का राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता हेतु चयन जिले का करेंगी प्रतिनिधित्व रायपुर, छत्तीसगढ़ में भीनमाल (जालोर): जालोर जिले की होनहार खिलाड़ी गुंजन सोढा का चयन आगामी राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए हुआ है, जो रायपुर (छत्तीसगढ़) में आयोजित की जाएगी। गुंजन इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में Above 21 आयु वर्ग के 56 किलो भार वर्ग के किक लाइट इवेंट में जालोर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस संबंध में जानकारी जिला किक बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष श्री वचनाराम राजपुरोहित ने दी। उन्होंने बताया कि गुंजन ने अपने निरंतर अभ्यास, अनुशासन और उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। उनके चयन से जिले के खेल जगत में उत्साह की लहर दौड़ गई है और यह जिले के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है। गुंजन सोढा पूर्व में भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं और अब राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन करने को तत्पर हैं। आज गुंजन राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रायपुर रवाना हुईं, जहां पर उनका आत्मविश्वास, खेल भावना और समर्पण जिले को गौरवान्वित करने क...