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राजस्थान में खेलों की मान्यता पर सवाल — जब भारत के पूर्व खेल मंत्री के राज्य में ही खिलाड़ी बेमान्यता के शिकार

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राजस्थान में खेलों की मान्यता पर सवाल — जब भारत के पूर्व खेल मंत्री के राज्य में ही खिलाड़ी बेमान्यता के शिकार हमारा ब्लॉग देखे किशोर प्रजापति भारत जैसे विशाल राष्ट्र में खेल न केवल शारीरिक क्षमता का प्रतीक हैं, बल्कि एकता, अनुशासन और राष्ट्रगौरव का प्रतीक भी हैं। लेकिन आज सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि  जिस खेल को भारत सरकार मान्यता देती है, वह राजस्थान में “बिना मान्यता” का शिकार कैसे हो गया? क्या यह केवल एक प्रशासनिक भूल है, या खिलाड़ियों के भविष्य से किया गया अन्याय?  जब केंद्र मान्यता देता है, तो राज्य क्यों नहीं मानता? भारत सरकार के युवा एवं खेल मंत्रालय ने देशभर में अनेक खेलों को आधिकारिक मान्यता दे रखी है  इनमें वे खेल भी शामिल हैं जिनमें राजस्थान के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीत रहे हैं। फिर सवाल उठता है  अगर वही खेल भारत स्तर पर मान्य है, तो राजस्थान में उसे "गैर-मान्यता प्राप्त" कहकर खिलाड़ियों का भविष्य क्यों रोका जा रहा है? क्या राजस्थान भारत से अलग कोई व्यवस्था चला रहा है? या फिर यह राज्य की खेल नीतियों में किसी गहरी असमानता ...

भारतीय खेल: राजनीति और भ्रष्टाचार की कैद में

 

मात्र 23 वर्ष की उम्र मेदुर्दांत #मुस्लिम आतंकियोंसे भिड़कर अपनी जान देकर350 से अधिक लोगों कीजान बचाने वाली वीरांगना#नीरजाभनोट की #पुण्यतिथीपर #कोटि #कोटि #नमन।

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मात्र 23 वर्ष की उम्र मे दुर्दांत #मुस्लिम आतंकियों से भिड़कर अपनी जान देकर 350 से अधिक लोगों की जान बचाने वाली वीरांगना #नीरजाभनोट की #पुण्यतिथी पर #कोटि #कोटि #नमन। नीरजा को भारत का वीरता का #सर्वोच्च #नागरिक #सम्मान #अशोकचक्र,पकिस्तान का #तमगाएइंसानियत और अमेरिका का #जस्टिसफॉरक्राइम अवार्ड  मिला और पूरे विश्व में इनको हाइजैक गर्ल के नाम से जाना जाता है। 5 सितम्बर 1986 को भारत की एक विरांगना जिसने इस्लामिक आतंकियों से लगभग 350 यात्रियों की जान बचाते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। भारत के कितने नवयुवक और नवयुवतियां उसका नाम जानते है। ??😢 कैटरिना कैफ,करीना कपूर, प्रियंका चोपडा ,दीपिका पादुकोण,विद्याबालन और अब तो सनी लियोन जैसा बनने की होड़ लगाने वाली #युवतियां क्या नीरजा भनोत का नाम जानती है। नहीं सुना न ये नाम। मैं बताता हूँ इस महान विरांगना के बारे में। 7 सितम्बर 1964 को चंड़ीगढ़ के हरीश भनोत जी के यहाँ जब एक बच्ची का जन्म हुआ था तो किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान इस बच्ची को मिलेगा। बचपन से ही इस बच्ची को वायुयान में बैठने और आकाश में उड़ने...

कोच: खेल व्यवस्था का भूला हुआ योद्धा

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कोच: खेल व्यवस्था का भूला हुआ योद्धा kishor Prajapati खेलों की दुनिया में जब कोई खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पदक लेकर देश का नाम रोशन करता है, तब पूरा देश उसकी जय-जयकार करता है। अख़बारों की सुर्खियों में उसका नाम छपता है, पुरस्कार और सम्मान की बौछार होती है। लेकिन उस चमकते हुए पदक के पीछे खड़ा एक चेहरा ऐसा भी है, जिसे न तो अख़बार की सुर्खियाँ मिलती हैं, न ही समाज का सम्मान — और वह है कोच। कोच की अनदेखी हकीकत कोच वह व्यक्ति है, जो गली-गांव से बच्चों को चुनता है, उन्हें खेल की बुनियादी शिक्षा देता है, अनुशासन और समर्पण सिखाता है। वह वर्षों तक अपने व्यक्तिगत त्याग, मेहनत और सीमित साधनों के बावजूद खिलाड़ियों को तैयार करता है। लेकिन विडंबना यह है कि खेल व्यवस्था में सबसे ज्यादा शोषण और अपमान का शिकार भी वही कोच होता है। जब खिलाड़ी सफल होता है, तो उसकी चमक के पीछे कोच का नाम दब जाता है। अगर कोई कोच सिस्टम की गलतियों पर बोलने की हिम्मत करता है, तो उसके करियर पर ताला लग जाता है। पुरस्कार और पहचान की सूची में खिलाड़ी का नाम होता है, लेकिन कोच अक्सर गुमनाम रह जाता है। एक मौन संघर्ष...

खेल भावना और प्रतिभा का संगम : चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025

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खेल भावना और प्रतिभा का संगम : चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025 चेन्नई खेल केवल पदक जीतने का माध्यम नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्मविश्वास और आत्मविकास का रास्ता है। इसका सजीव उदाहरण चेन्नई में चल रही चिल्ड्रन एंड कैडेट्स नेशनल किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप-2025 में देखने को मिल रहा है। पाँच दिवसीय इस आयोजन ने न केवल बच्चों और किशोर खिलाड़ियों की ऊर्जा को सामने रखा, बल्कि यह भी साबित किया कि आने वाली पीढ़ी भारतीय मार्शल आर्ट्स और किक बॉक्सिंग को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। मुकाबलों की रौनक और खिलाड़ियों का जज्बा दूसरे दिन जब इंडोर स्टेडियम का माहौल खेलभावना से गूंज रहा था, तब 550 से अधिक मुकाबलों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। हर बाउट में खिलाड़ियों ने दमदार तकनीक, फुर्ती और धैर्य का ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने साबित किया कि भारतीय खेल प्रतिभा किसी से कम नहीं है। छोटे-छोटे आयु वर्ग के खिलाड़ी भी जिस आत्मविश्वास और निडरता से रिंग में उतरे, वह भारतीय खेल संस्कृति की मजबूती को दिखाता है। अब तक 900 मुकाबले सम्पन्न हो चुके हैं और लगभग 50 अंतरराष्ट्र...

"मदन प्रजापत प्रकरण: लोकतंत्र के स्तंभ को ठेस या सत्ता का अहंकार

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जनप्रतिनिधि के अपमान पर चुप क्यों है प्रशासन? 📍 स्थान: राजस्थान – बालोतरा 🗓️ तिथि: 21/07/2025 --- लोकतंत्र में जनता की आवाज़ को बुलंद करने वाले जनप्रतिनिधियों का सम्मान सर्वोपरि होता है। लेकिन हाल ही में राजस्थान के बालोतरा क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री मदन प्रजापत के साथ जो घटनाक्रम हुआ, वह लोकतंत्र की मर्यादा और सरकारी तंत्र की भूमिका दोनों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। सूत्रों के अनुसार, एक सरकारी कर्मचारी द्वारा श्री मदन प्रजापत जी के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया। यह न केवल अमर्यादित और अपमानजनक है, बल्कि यह सरकारी प्रशासन में व्याप्त राजनीतिक पक्षपात और अहंकार की झलक भी देता है। --- 🔍 इस मुद्दे पर उठते हैं कई सवाल: क्या एक सरकारी कर्मचारी को यह अधिकार है कि वह एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि से इस तरह से बात करे? क्या यह लोकतंत्र की आत्मा के साथ खिलवाड़ नहीं है? क्या वर्तमान सरकार ऐसे अधिकारियों को शह दे रही है जो जनप्रतिनिधियों का अपमान कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर कर रहे हैं? --- ⚖️ लोकतंत्र का स्तंभ – जनप्रतिनिधि जनता अपने अधिकारों और समस्याओं को लेकर जनप्र...

रायपुर में गुंजन सोढा का जलवा: राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा

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 स्थान: रायपुर, छत्तीसगढ़  तिथि: 20 जुलाई 2025 भीनमाल / जालौर गुंजन सोढा ने राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर राजस्थान का नाम रोशन किया रायपुर (छत्तीसगढ़) में 16 से 20 जुलाई 2025 तक आयोजित राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में राजस्थान की प्रतिभाशाली खिलाड़ी गुंजन सोढा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीतकर राज्य और क्षेत्र का नाम गौरवान्वित किया। प्रतियोगिता का आयोजन WAKO India Kickboxing Federation द्वारा किया गया, जिसमें देशभर से सैकड़ों खिलाड़ियों ने भाग लिया। गुंजन सोढा ने किक लाइट कैटेगरी (आयु वर्ग 21 से 40 वर्ष) में हिस्सा लिया और दमदार मुकाबलों के बाद सेमीफाइनल तक पहुँचकर पदक अपने नाम किया। गुंजन के प्रदर्शन में उनकी मेहनत, लगन और जुझारूपन साफ दिखाई दिया। इस सफलता के पीछे राजस्थान टीम के कोच श्री पुष्पेंद्र गुर्जर का भी अहम मार्गदर्शन रहा, जिनके नेतृत्व में राजस्थान की टीम ने प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज कराई। इस उपलब्धि पर गुंजन के परिवार, प्रशिक्षकों और खेल प्रेमियों ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। यह सफल...

तलवे चाटना: एक अद्भुत कला या खेल व्यवस्था पर कलंक

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"तलवे चाटना: एक अद्भुत कला या खेल व्यवस्था पर कलंक?" ✍️ लेखक अज्ञात भारत में खेलों की दुनिया दिन-ब-दिन आगे बढ़ रही है। एथलीट्स अंतरराष्ट्रीय पदक ला रहे हैं, देश का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन इसके पीछे एक ऐसा काला सच छिपा है, जिस पर आज भी चर्चा करना एक ‘जोखिम’ जैसा लगता है। हम बात कर रहे हैं – ‘तलवे चाटने’ की संस्कृति की, जिसे आप चाहें तो "Yes Man स्पोर्ट्स स्किल" कह सकते हैं। --- 🎭 तलवे चाटना: एक कला, एक रणनीति, एक अनकहा सत्य यह कहना गलत नहीं होगा कि आजकल कई जगहों पर खेल कौशल से ज़्यादा संबंध कौशल मायने रखने लगा है। मैदान में कड़ी मेहनत करने वाले खिलाड़ियों को किनारे किया जाता है। जबकि 'सर, नमस्ते' और 'सब बढ़िया है सर' कहने वाले चेहरों को मंच, मीडिया और मैडल मिल जाते हैं। एक नया वर्ग बन गया है, जो खेल का अभ्यास नहीं करता, बल्कि "संबंधों की गर्मी" से पसीना बहाता है। इसे देखकर ऐसा लगता है कि जैसे ‘तलवे चाटना’ एक अनौपचारिक खेल इवेंट है—जिसका अभी तक बस मंत्रालय की सूची में नाम नहीं जुड़ा। --- 📉 खिलाड़ियों की असली चुनौती: विरोध नही...

पुष्पेंद्र गुर्जर: राजस्थान में किक बॉक्सिंग आंदोलन के अग्रदूत

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पुष्पेंद्र गुर्जर: राजस्थान किक-बॉक्सिंग के प्रेरणादायक अगुवा परिचय राजस्थान में किक-बॉक्सिंग के संगठित और सशक्त विकास में अग्रणी भूमिका निभाने वालों में श्री पुष्पेंद्र गुर्जर का नाम अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। वे राजस्थान किक-बॉक्सिंग संघ के महासचिव और WAKO India Kickboxing Federation के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हैं। एक समर्पित खिलाड़ी, प्रशिक्षक और तकनीकी अधिकारी के रूप में उन्होंने इस खेल को जमीनी स्तर से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुँचाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। 🏅 खिलाड़ी से तकनीकी प्रतिनिधि तक की यात्रा भरतपुर जिले के बयाना (भीमनगर) निवासी पुष्पेंद्र गुर्जर ने किक-बॉक्सिंग में अपने करियर की शुरुआत एक कुशल खिलाड़ी के रूप में की। 2015 में आयोजित एशियन किक-बॉक्सिंग चैंपियनशिप (एशिया स्तरीय प्रतियोगिता) में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए गौरव बढ़ाया। 2022 में वे एक बार फिर एशियन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए। 🛡️ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी प्रतिनिधित्व श्री पुष्पेंद्र गुर्जर को WAKO (World Association of Kickboxing Organ...

गली-गली घूमते विश्वविजेता जब खेल सर्टिफिकेट से चलता है”

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🥋🎭 गली-गली घूमते “चैंपियन” और खेल का शव! For more YouTube "<h2>तथाकथित विश्वविजेता: मार्शल आर्ट में दिखावे का खेल और समाज की चुप्पी</h2> <p><em>🥋 गली-गली 'विश्वविजेता' घूम रहे हैं – लेकिन जीत कहां है?</em></p> <p>आजकल हर मोहल्ले में कुछ ऐसे "मार्शल आर्ट विश्व चैंपियन" मिल जाते हैं, जिनके गले में 4 मेडल, हाथ में 5 सर्टिफिकेट और कैमरे में विधायक जी के साथ फोटो होती है।</p> <hr/> <h3>🥇 दिखावे का दौर: सर्टिफिकेट से 'सम्मान' की भूख</h3> <p>ये तथाकथित चैंपियन हर हफ्ते एक नई प्रतियोगिता में भाग लेते हैं — जिनमें से आधी बिना किसी मान्यता के होती हैं। फिर वो नेता जी के पास जाकर फोटो खिंचवाते हैं, और फेसबुक पर पोस्ट डालते हैं:</p> <blockquote>"विश्व विजेता बनने पर विधायक महोदय से आशीर्वाद प्राप्त हुआ 🙏"</blockquote> <h3>🤔 असली सवाल: क्या यह खेल को शर्मसार नहीं कर रहा?</h3> <p>मार्शल आर्ट अनुशासन, विनम्रता और तप का प्रतीक है। लेकिन ...

गुंजन सोढा का राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता हेतु चयन

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गुंजन सोढा का राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता हेतु चयन जिले का करेंगी प्रतिनिधित्व रायपुर, छत्तीसगढ़ में भीनमाल (जालोर): जालोर जिले की होनहार खिलाड़ी गुंजन सोढा का चयन आगामी राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए हुआ है, जो रायपुर (छत्तीसगढ़) में आयोजित की जाएगी। गुंजन इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में Above 21 आयु वर्ग के 56 किलो भार वर्ग के किक लाइट इवेंट में जालोर जिले का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस संबंध में जानकारी जिला किक बॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष श्री वचनाराम राजपुरोहित ने दी। उन्होंने बताया कि गुंजन ने अपने निरंतर अभ्यास, अनुशासन और उत्कृष्ट प्रदर्शन के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। उनके चयन से जिले के खेल जगत में उत्साह की लहर दौड़ गई है और यह जिले के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक क्षण है। गुंजन सोढा पूर्व में भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं और अब राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन करने को तत्पर हैं। आज गुंजन राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रायपुर रवाना हुईं, जहां पर उनका आत्मविश्वास, खेल भावना और समर्पण जिले को गौरवान्वित करने क...

अब भी समय है। बेटी को जिम भेजो, डांस सिखाओ—लेकिन पहले उसे संस्कारों का सुरक्षा कवच दो। वरना अगली बार जब कोई MMS वायरल होगा, तो उसमें आपकी बेटी नहीं, आपकी सोच की नंगी सच्चाई दिखेगी।

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सुबह उठते ही बेटी तैयार होती है—जिम बैग, ब्रांडेड लेगिंग्स, एयरपॉड्स और चेहरे पर अजीब सा “कॉन्फिडेंस”। माँ सोचती है—बेटी कितनी जागरूक है, हेल्थ को लेकर कितनी गंभीर है। बाप सोचता है—आजकल की लड़कियाँ भी लड़कों से कम नहीं। लेकिन कोई ये नहीं सोचता कि बेटी जा कहाँ रही है, और वहाँ हो क्या रहा है। जिम के नाम पर दरअसल वो जा रही है नेहरू पार्क में खुले “प्रीमियम प्राइवेट स्पेस” में, जहाँ ट्रेनर सिर्फ एक्सरसाइज़ नहीं करवा रहा—नीतियों का अभ्यास करवा रहा है। पैर पकड़े हुए वो सिर्फ शरीर नहीं मोड़ रहा, सोच और संस्कार भी धीरे-धीरे मोड़ रहा है। और जब वीडियो वायरल होता है, तब माता-पिता के मुंह से निकलता है—"हमें क्या पता था जी, हमें तो लगा जिम जा रही है।" यही तो सबसे बड़ा अपराध है—जानबूझकर अनजान बने रहना। माँ, जो दिनभर फेसबुक पर संस्कार वाली पोस्टें शेयर करती है, और बाप, जो मोहल्ले में आदर्श पुरुष बना घूमता है—दोनों को तब भी शक नहीं होता, जब बेटी रोजाना जिम से “फिटनेस” के साथ थोड़ी “बोल्डनेस” भी लेकर लौटती है। लेकिन जब वही लड़की, जिहादी मानसिकता वाले किसी लड़के के साथ तस्वीरों में...

🛑 क्या कूड़ो वाकई खेल है या केवल दिखावा?

🛑 क्या कूड़ो वाकई खेल है या केवल दिखावा? कूड़ो को आधुनिक मार्शल आर्ट कहा जाता है, लेकिन इसके पीछे की हकीकत कुछ और ही है... 🔸 जापान में दो गुटों में बंटा हुआ खेल – असली संगठन कौन सा है, कोई नहीं जानता। 🔸 खिलाड़ी बनते हैं राजनीति का शिकार – मेहनत से ज़्यादा चालाकी चलती है। 🔸 भारत में न कोई ठोस मान्यता, न कोई स्थायी भविष्य। 🔸 ट्रेंनिंग महंगी, लेकिन खिलाड़ी की ज़िंदगी सस्ती। 🔸 अनुशासन की आड़ में मानसिक दमन – कोई सुनवाई नहीं। 🔥 सवाल ये है: क्या हम अपने बच्चों को ऐसे अनिश्चित खेल में भेजना चाहेंगे? 📢 अब वक्त है कूड़ो की सच्चाई सामने लाने का। खेल वही जो भविष्य दे, न कि भ्रम। #KudoTruth #FakeMartialArt #KudoControversy #MartialArtsReality #खेल_या_धोखा #SportOrShowoff #कूड़ो_की_हकीकत #MartialArtReform #YouthExploitation

"जब पुण्य पाप की परछाई में पनपता है"

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"जब पुण्य पाप की परछाई में पनपता है" आज का समय भ्रम और छवियों का समय है। एक ऐसा दौर, जहां अच्छाई का चेहरा सजाया जाता है, और सच्चाई को दबाया जाता है। समाज में जो व्यक्ति जनसेवा का प्रतीक बनकर उभरता है, वह अक्सर हमारी भावनाओं की उस ज़मीन पर खड़ा होता है, जिसे हम बिना सवाल पूछे ही पवित्र मान लेते हैं। पर क्या कभी आपने उस सिंहासन को गौर से देखा है, जिस पर यह मसीहा बैठा है? वह सिंहासन अक्सर लाचारों की खामोशियों, शोषितों की आहों और अनगिनत कुर्बानियों की नींव पर खड़ा होता है। पुण्य का कार्य दिखाने के लिए, पाप की चुप्पी को साध लिया जाता है। मीडिया में तस्वीरें मुस्कुराती हैं, पर ज़मीर कहीं पीछे दम तोड़ रहा होता है। समाज में ‘मसीहा’ बनना अब सेवा नहीं, एक रणनीति बन गया है। प्रचार, सत्ता और छवि निर्माण का मिश्रण ही आजकल किसी को महान बना देता है। मगर इन सबके पीछे एक अंधकार है — जिसे देखना जरूरी है। हमें ज़रूरत है इस नकाब को हटाने की। हमें चाहिए कि हम सिर्फ कार्य नहीं, उसकी नीयत को भी परखें। क्योंकि अगर पुण्य, पाप की परछाई में पनपने लगे — तो सच को उजागर करना हमारा कर्तव्य बन ज...

भारत बनाम न्यूजीलैंड चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल: एक ऐतिहासिक जीत की ओर कदम

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🇮🇳  भारत बनाम न्यूजीलैंड चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल: एक ऐतिहासिक जीत की ओर कदम🇮🇳 आज का दिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए बेहद खास है। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा है। भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में शानदार फॉर्म में रही है और अब उसकी निगाहें एक और आईसीसी ट्रॉफी पर टिकी हैं। टीम इंडिया का सफर: अजेय बढ़त भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में अपने हर मुकाबले में दमदार प्रदर्शन किया है। कप्तान रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम ने आक्रामक बल्लेबाजी और बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन किया है। विराट कोहली, शुभमन गिल और सूर्यकुमार यादव ने टीम के लिए महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं। गेंदबाजी में मोहम्मद सिराज, जसप्रीत बुमराह और कुलदीप यादव की तिकड़ी ने विपक्षी टीमों को मुश्किल में डाला है। रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल की स्पिन जोड़ी भी प्रभावी साबित हुई है। न्यूजीलैंड की चुनौती और भारत की रणनीति न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में जगह बनाकर यह साबित कर चुकी है कि उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। केन विलियमसन, डेवोन कॉनवे और डेरिल मिचेल...

खेल के नाम पर धोखा: मान्यता स्कूल तक की नहीं ओर शोर मचाते है ओलम्पिक वाला

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  खेल के नाम पर धोखा: मान्यता स्कूल तक की नहीं ओर शोर मचाते है ओलम्पिक वाला  खेल, जो अनुशासन, मेहनत और ईमानदारी का प्रतीक होना चाहिए, आज कुछ लालची संगठनों के लिए पैसा कमाने का जरिया बन गया है। बिना किसी आधिकारिक मान्यता के खुद को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर का बताने वाली ये फेडरेशन्स सिर्फ खिलाड़ियों और अभिभावकों को ठगने में लगी हैं। महंगे सर्टिफिकेट, नकली चैंपियनशिप और दिखावटी पदक बेचकर ये लोगों के सपनों की सौदेबाजी कर रहे हैं। कुछ मार्शल आर्ट संगठनों में तो अलग ही कंप्यूटेशन चल रहा है  असलियत यह है कि जब ये खिलाड़ी अपने नकली उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें असली खेल संस्थाओं में प्रवेश तक नहीं मिलता। उनका समय, मेहनत और पैसा बर्बाद हो जाता है, जबकि ये संगठन अपने झूठे दावों से लगातार नए शिकार खोजते रहते हैं। अब सवाल उन लोगों से है जो इन संगठनों के पीछे बैठे हैं—कब तक आप मासूम खिलाड़ियों और उनके परिवारों की भावनाओं से खेलते रहेंगे? क्या आपको खिलाड़ियों के टूटते सपनों की कीमत पर अपना बैंक बैलेंस बढ़ाने में जरा भी शर्म नहीं आती? अगर आपके अंदर जर...

नन्ही उस्ताद: 6 साल की बच्ची, ने दिखाया गजब का स्टंट और बैकफ्लिप कौशल!"

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  नन्ही उस्ताद: 6 साल की बच्ची ने दिखाया गजब का स्टंट और बैकफ्लिप कौशल!" मार्शल आर्ट्स और जिम्नास्टिक्स में जहां बड़े-बड़े खिलाड़ी सालों की मेहनत के बाद परफेक्शन हासिल करते हैं, वहीं एक छोटी-सी बच्ची ने अपने शानदार स्टंट और बैकफ्लिप से सबको चौंका दिया है। महज 6-7 साल की उम्र में इतनी लचीलापन (Flexibility), ताकत और संतुलन (Balance) देखना किसी को भी प्रेरित कर सकता है। अद्भुत प्रदर्शन इस वीडियो में बच्ची न केवल बैकफ्लिप कर रही है बल्कि अपनी स्किल्स से यह साबित कर रही है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है। इतनी कम उम्र में इस तरह का आत्मविश्वास और ट्रेनिंग असाधारण है। यह वीडियो यकीनन उन माता-पिता के लिए प्रेरणा बन सकता है जो अपने बच्चों को फिटनेस और खेलों में आगे बढ़ाना चाहते हैं। बच्चों के लिए मार्शल आर्ट्स के फायदे 1. शारीरिक फिटनेस – मार्शल आर्ट्स और जिम्नास्टिक्स से बच्चों का शरीर लचीला और मजबूत बनता है। 2. आत्मरक्षा कौशल – आज के समय में सेल्फ डिफेंस की स्किल्स जरूरी हैं, खासकर लड़कियों के लिए। 3. मानसिक मजबूती – अनुशासन और आत्म-नियंत्रण बच्चों के मानसिक विकास में मदद करता है। 4. आत्मविश...

चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत की पाकिस्तान पर शानदार जीत - कोहली का शतकीय धमाल

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  चैंपियंस ट्रॉफी 2025: भारत की पाकिस्तान पर शानदार जीत - कोहली का शतकीय धमाल 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 23 फरवरी 2025 का दिन भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए एक सुनहरा दिन बन गया, जब आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत ने अपने चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में 6 विकेट से करारी शिकस्त दी। यह मुकाबला न सिर्फ एक मैच था, बल्कि दो देशों के बीच क्रिकेट के मैदान पर होने वाली उस जंग का प्रतीक था, जिसे हर कोई देखने के लिए बेताब रहता है। इस जीत के साथ भारत ने सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली, और फैंस का जोश सातवें आसमान पर पहुंच गया। मैच का रोमांचक लेखा-जोखा पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और 49.4 ओवर में 241 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। उनकी पारी में सलमान और खुशदिल ने कुछ देर तक संघर्ष किया, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने उन्हें ज्यादा मौका नहीं दिया। कुलदीप यादव ने 3 विकेट चटकाए, जबकि हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा ने भी अपनी फिरकी और तेज गेंदों से पाकिस्तानी बल्लेबाजों को परेशान किया। जवाब में भारत की शुरुआत रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने शानदार अंदाज...

भारतीय टीम का चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार आगाज

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  भारतीय टीम का चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार आगाज: गिल और शमी ने बांग्लादेश को दी मात चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का आगाज भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बेहद शानदार रहा। 20 फरवरी 2025 को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए टूर्नामेंट के पहले मुकाबले में भारत ने बांग्लादेश को 6 विकेट से हराकर अपने अभियान की शुरुआत जीत के साथ की। शुभमन गिल की नाबाद शतकीय पारी और मोहम्मद शमी की शानदार पांच विकेट की उपलब्धि ने इस जीत में अहम भूमिका निभाई। आठ साल बाद लौटे इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भारत ने पहले ही मैच से अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर दी। बांग्लादेश की पारी: शमी का कहर और हridoy की साहसिक लड़ाई मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश की शुरुआत बेहद खराब रही। मोहम्मद शमी ने पहले ही ओवर में सौम्या सरकार (0) को आउट कर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। इसके बाद हर्षित राणा ने कप्तान नजमुल हुसैन शांतो (0) को पवेलियन भेजा, और फिर अक्षर पटेल ने लगातार गेंदों पर तंजिद हसन (8) और मुशफिकुर रहीम (0) को आउट कर बांग्लादेश को 35/5 के स्कोर पर ला दिया। अक्षर हैट्रिक से चूक गए जब रोहित शर्मा ने जाकर अ...